Sunday, June 28, 2009

रिश्ता

रिश्ता बच्चे का माँ से अपने जहाँ से नहीं बदलता
कुछ रिश्ते नहीं बदलने के लिए बनते हैं
जड़ बदलते तो सूख जाते पेड़ भी सिर्फ़ पत्ते बदलते हैं
हम भी सोंचे आओ सोंचे जाने समझे
रिश्तो का सच जो बन जाते हैं धूरी जीवन की बरबस

स्वागत शुभकामना


दीदी का ब्लॉग की दुनिया में स्वागत ....................


आपके अनंत विचार और वेब की अनंत दुनिया .....................


उम्मीद है आप अपने संज्ञान से लोगो का ज्ञानवर्धन करेंगी ........................


कुछ तुम्हारी कुछ हमारी , कुछ इधर की कुछ उधर की, बातें होंगी हम सब की ................


शुभकामना के साथ आपका अनुज................................................आनंद