गलियों में शोर मचाते बच्चे फिर से धूल उड़ाएंगे
फिर से पापा मुन्नी को मेला लेकर जाएंगे
फिर से ढोल बजेंगे घर में
दूल्हे राजा आएँगे
फिर से गुड़ियों की शादी में
पिंकी -रिंकू गाएंगे
फिर से मैदानों में
लड़के बल्ले तेज़ घुमाएंगे
जल्द हीं
हम सब फिर खुद को
हर महफ़िल में पाएंगे !